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सोने से पहले डरावनी फिल्में, क्राइम शो या नेगेटिव न्यूज देखना हमारे दिमाग पर सीधा असर डालता है। जब आप सोने से ठीक पहले ऐसे दृश्य देखते हैं, तो अवचेतन मस्तिष्क उन चित्रों को पकड़कर रात को दोबारा प्ले करता है, नतीजतन डरावने सपने आते हैं। इसलिए कहा जाता है कि सोने से पहले पॉजिटिव कंटेंट देखना या सुनना फायदेमंद होता है।
पूरी रात सपने क्यों आते हैं और कब आते हैं?
तनाव को कम करें: मानसिक शांति के लिए ध्यान, योग, या गहरी सांस लेने की प्रक्रिया अपनाएं। इससे न केवल आपकी नींद में सुधार होगा, बल्कि बुरे सपनों का खतरा भी कम होगा।
प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक सिगमंड फ्रायड का सपने क्यों आते हैं इसे लेकर ऐसा मानना था कि सपने हमारे अवचेतन मन की एक खिड़की की तरह होते हैं और ये हमे उस व्यक्ति के बारे में बताते हैं, जैसे:
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अगर नहीं तो बता दें, स्वप्न शास्त्र के अनुसार हर सपने का अपना अलग मतलब होता है.
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